क्या प्रबोध (enlightenment) निजी अनुभव की कोई घटना होती है?
जो कुछ भी अनुभव के दायरे में आ सकता है वो अनुभव ही है न। मूल बात पर गौर करिए, सब अनुभव किसको होते है? अगर कोई कहे उदाहरण के लिये कि मुझे मुक्ति का, मोक्ष का, इन्लाइटन्मन्ट का अनुभव हुआ तो कुछ सवाल पूछने जरुरी है। किसको हुआ वो अनुभव? आपको जो भी अनुभव होते है दिन रात, उन अनुभवों को ग्रहण करने वाला कौन होता है? उसका क्या नाम है? उसी का नाम अहंकार है।