क्या कुछ लोग प्राकृतिक तौर पर निडर व आध्यात्मिक होते हैं?

प्रश्नकर्ता: क्या कुछ लोग प्राकृतिक तौर पर निडर और आध्यात्मिक होते हैं?

आचार्य प्रशांत: अध्यात्म के रास्ते पर जितना हानिप्रद है यह कहना कि मैं कायर हूँ उतना ही हानिप्रद है मानना कि मैं वीर हूँ। जैविकरूप से, निश्चितरूप से ऐसा हो सकता है कि जैसे तुमने कहा कि एक बच्चा पैदा हो बचपन से ही भीरू और एक जो थोड़ा निर्भीक है। पर जो भीरू पैदा हुआ है, वह किसके प्रति भीरू है? संसार के प्रति न? किससे डरता है? संसार से। और तो कुछ जानता नहीं है जीव, तो वह डरेगा भी तो किससे? संसार से। तो उसने अपना वास्ता किससे बनाया? संसार से। वह कहता है- डर के रहो, बच के रहो, किससे? संसार से। ठीक? उसने अपने केंद्र पर किसको बैठा लिया? संसार को।

और एक पैदा हुआ है जो कह रहा है मैं तो बड़ा निर्भय हूँ। वह किसके प्रति निर्भय है? वह कह रहा है- दबा के रखूँगा, डरता मैं किसी से नहीं। किस से नहीं डरता वह? संसार से। केंद्र पर किसको बैठा लिया? संसार को। प्रकृतिकरुप से, जैविकरूप से जो दोनों को मिल रहा, वह मुक्ति में सहायक नहीं होने वाला।

कोई बच्चा आध्यात्मिक दृष्टि से खास नहीं पैदा होता, यह मान्यता दिमाग से बिल्कुल निकाल दो।

पर तुम कैसे निकाल दोगे क्योंकि तुम्हारे मन में न जाने कितनी पुरानी कहानियाँ भरी हुई हैं जिसमें कहा गया है बच्चा पैदा ही खास हुआ था। बच्चा क्यों पैदा खास हुआ था? क्योंकि माँ-बाप ने बड़ी साधना करी थी और फिर वह बच्चा दिव्य आशीर्वाद से पैदा हुआ था और तुमको बताया जाता है कि वह फ़लाने महात्मा थे वह तो…

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org