सुसंगति क्या है?

सुसंगति वो है जो तुम्हें अपने तक न ले आए,
बल्कि तुम्हारा हाथ पकड़कर तुम्हे सत्य तक ले जाए।

अधिकांश लोग तुमसे रिश्ता बनाते हैं क्योंकि उन्हें तुमसे कुछ चाहिए।

कोई ही होता है जिसे तुमसे, न किसी और से,
किसी से उसे कुछ नहीं चाहिए।

वो तुम्हारा हाथ थाम रहा है क्योंकि
वो तुम्हें मंज़िल दिखाना चाहता है।
वो रिश्ता रखने लायक है।

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org