कैसे सिलें फटा हुआ मन?
इन्सान दो है। ये जो पूरी बात हमें बार-बार समझा के कही गयी है, अहं और आत्मा की, इससे ही ये स्पष्ट हो जाना चाहिए कि इन्सान दो है।
एक तरफ तो हम शरीर हैं। वो शरीर, जो इन्द्रियों से दिखाई पड़ता है, जिसके होने के साफ़-साफ़ इन्द्रियगत प्रमाण उपलब्ध हैं। और दूसरी तरफ हम कुछ और हैं जो दिखाई नहीं पड़ता, पर दिन प्रतिदिन की अकुलाहट से अपने होने का एहसास कराता है।
अब ये इन्सान की स्वेच्छा पर है कि उसे अपने किस…