केन उपनिषद का क्या महत्व
आचार्य प्रशांत: केन उपनिषद है हमारे सामने। सबसे पहले तो ‘केन’ और ‘उपनिषद’, इसी में बहुत कुछ छिपा हुआ है। ‘केन’ शब्द का अर्थ क्या हुआ? केन शब्द का क्या अर्थ है?
“किसके द्वारा किया गया है ये सब?” किसके द्वारा? किसके द्वारा? ये उसी अर्थ में हैं जैसे हम कहते हैं हस्तेण, कि हाथ के द्वारा कुछ उठाया। किसके द्वारा? किसके द्वारा किया गया है ये सब? तो सवाल है। उपनिषद भी आ सके, उससे पहले क्या आया है? सवाल। सवाल न हो, तो उपनिषद का भी कोई सवाल ही नहीं उठता। आज भी हम यहाँ पर बैठे हैं तो क्यों बैठे हैं? किसी के मन में सवाल उठा। ठीक है? एक आदमी की जिज्ञासा थी, उसके फलस्वरूप अभी यहाँ पर पाँच-छह लोग बैठे…