कृष्ण: देहधारी भी और देह के पार के भी
अवजानन्ति मां मूढा मानुषीं तनुमाश्रितम्।
परं भावमजानन्तो मम भूतमहेश्वरम्।।
मेरे परमभाव को न जानने वाले मूढ़ लोग मनुष्य का शरीर धारण करने वाले मुझ संपूर्ण भूतों के महान् ईश्वर को तुच्छ समझते हैं अर्थात् अपनी योग माया से संसार के उद्धार के लिए मनुष्यरूप में विचरते हुए मुझ परमेश्वर को साधारण मनुष्य मानते हैं।
—श्रीमद्भगवद्गीता, अध्याय ९, श्लोक ११
प्रश्नकर्ता: आचार्य जी, ग्यारहवें श्लोक में भगवान कृष्ण कहते हैं कि "मूढ़ लोग मेरे को साधारण मनुष्य ही जानते हैं और मेरी अवज्ञा करते हैं।" तो मैं…