कुछ लोग राष्ट्रवाद को बुरा क्यों मानते हैं?
प्रश्न: नमस्कार, राष्ट्रवाद के बारे में आपका क्या कहना है?
आचार्य प्रशांत: शब्द एक है, राष्ट्रवाद, पर मोटे तौर पर इसके अर्थ दो हैं। दोनों को अलग-अलग समझना पड़ेगा।
इंसान के पास हमेशा दो रास्ते होते हैं न, वैसे ही समझ लो बहुत सारे शब्द हैं जिनके उन्हीं दो रास्तों के समानांतर दो अर्थ होते हैं। एक रास्ता होता है आत्मा का, एक रास्ता होता है अहम का; एक रास्ता होता है मुक्ति का, एक होता है बंधन का; एक रोशनी का, एक होता है अंधेरे का। तो इसी तरीक़े से जो व्यक्ति राष्ट्र की बात कर रहा है, वह भी दो केंद्रों से राष्ट्र की बात कर सकता है।