कीचड़ का सानिध्य तुम्हारे रोम-रोम से महकेगा

परनारी काराचणौ, जिसकी लहसण की खानि। खूणैं बेसिर खाइय, परगट होई दिवानी।।

~ कबीर

वक्ता: कबीर ने बहुत बोला है इस बारे में। कबीर ने स्त्रियों के दो प्रकारों पर बोला है जिसको लेकर भ्रांतियाँ बहुत हैं। एक तो कबीर ने ‘सती’ पर बहुत बोला है, दूसरा कबीर ने ‘परनारी’ पर बहुत बोला है। और इसको लेकर बड़ी गलत ग़लतफ़हमियाँ रहती हैं।

जब कबीर सती की बात करते हैं, तो लोग सोचते हैं कि वो पतिव्रता की बात कर रहे हैं। ‘पतिव्रता’ पर भी कबीर ने बहुत बोला है।जब कबीर ‘पतिव्रता’ कहते हैं, तो उससे कबीर का आशय बिल्कुल भी ये नहीं है कि — जो…

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org