किसे आदर्श बनायें?

अगर किसी की संगति आपको अशांत कर रही है, मन में भ्रम और बढ़ता जा रहा है, मन पर धुंधलापन छाता जा रहा है तो इसे आप अपनी बेहतरी तो नहीं कहोगे न?

हम में से हर कोई चाहता है बेहतर इंसान हो पाना।

आप कब बोलते हो कि आप पहले से बेहतर इंसान हो पाए?

जब आप पाते हो आप साफ़ सोच पा रहे हो, साफ़ देख पा रहे हो, डर कम रहे हो, चीज़ों को समझते हो, तमाम तरह के उकसावों के बीच भी शांत रह लेते हो, बिना…

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org