किसको मान रहे हो अपना?

एक मूल बात, सिद्धान्त समझिएगा। बाहर जो कुछ भी है वो किसी बाहरी चीज़ पर ही प्रभाव डाल सकता है न? दूसरे शब्दों में हर चीज़ अपने ही तल की किसी चीज़ से प्रतिक्रिया कर सकती है न? जो जहाँ का है वो वहीं के अन्य पदार्थों, अन्य इकाइयों पर अपना प्रभाव छोड़ सकता है न?
अब बाहरी और आंतरिक में अंतर समझिएगा। आप जिसको आंतरिक बोलते हैं अगर वो बाहरी परिस्थितियों से प्रभावित हो जाता है तो या तो आंतरिक बाहरी है या बाहरी आन्तरिक है, पर एक बात…