काशीविश्वनाथ मंदिर: आचार्य जी के जीवन का एक निर्णायक क्षण
1993 की गर्मियों की बात है। बोर्ड के परिणाम घोषित हुए कुछ ही समय हुआ था। आचार्य जी ने ऑल इंडिया तीसरी रैंक व यू.पी. में पहला स्थान प्राप्त किया था। सभी अखबारों में उनका नाम और तस्वीरें थीं।
लेकिन इस सांसारिक ख्याति के बावजूद, 15 साल का यह युवक मन में एक अजीब-सी बेचैनी महसूस कर रहा था। उसके लिए यह सब नया था; इतना नया कि उसे यह महसूस करने में कुछ महीने लगे कि ऐसा होना…