कालातीत योग और समकालीन चुनौतियाँ
योग के सामने कोई चुनौतियाँ नहीं होती। योग तो मन की सहायता हेतु है। मन चुनौतियों से घिरा हुआ है, मन की सहायता के लिए योग है।
आपने कहा, “समकालीन चुनौतियाँ,” काल ही मन के लिए होता है। काल के अनुसार मन के सामने चुनौतियाँ बदलती जाती हैं। अलग-अलग समय में मन के लिए अलग-अलग तरह के विक्षेप होते हैं, राग होते हैं, द्वेष होते हैं, समस्याएँ होती हैं।