कामवासना और प्रेम में क्या अंतर है?

प्रश्नकर्ता: प्रेम और कामुकता, या कामवासना, इन दोनों का अलग अस्तित्व है ही क्यों? इन दोनों में अंतर क्यों किया जाता है?
अगर हम इन शब्दों का मूल देखें तो प्रेम और वासना दोनों ही संस्कृत के मूल “लुभ्य” से आ रहे हैं, जिसका मूलभूत अर्थ इच्छा है। तो मेरा पहला प्रश्न ये है कि दोनों, प्रेम और कामवासना, में भेद क्यों किया जाता रहा है?