कम काम या ज़्यादा काम?

प्रश्न: मैं थोड़ा सोचती ज़्यादा हूँ, काम कम करती हूँ और वो तो सोचते ही नहीं हैं, बस काम करते हैं। इतना ज़्यादा, इतना ज़्यादा, कि अगर काम नहीं है तो बेचैन हो जाते हैं, और मेरा है कि काम तो लास्ट में, जब टाला नहीं जा सकता, उसके पहले पूरा समय आराम से। दोनों ही गलत हैं, मैं ज़्यादा हूँ वो कम हैं, लेकिन उन्हें समस्या ज़्यादा होती है। मेरे से ज़्यादा समस्या होती है क्योंकि वो काम करते रहते हैं, देखते नहीं हैं। जब कभी एक सेकंड के लिए रुकते हैं तो उन्हें नाराज़गी…

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org