औरतों का हर जगह शोषण क्यों होता है
प्रश्नकर्ता: औरतों का हर जगह शोषण क्यों होता है?
आचार्य प्रशांत: क्या इरादा है? अकारण तो नहीं पूछा ये सवाल। देखो बेटा, मेरे लिए बड़ा आसान होगा कि मैं कह दूँ, जैसे आमतौर पर कहा जाता है, समसामयिक नारी विमर्श में, नारीवादियों द्वारा कि ये सब इसलिए है क्योंकि पुरुषसत्ता ने नारी का शोषण किया है, दोहन किया है, वगैरह-वगैरह। वो सब बातें तुमने बहुत पढ़ी होगी। उसके आगे भी एक दूसरी बात है।
कोई किसी का शोषण कर नहीं सकता उसकी सहमति के बिना।
इतने व्यापक तौर पर तो बिल्कुल भी नहीं, इतने लम्बे समय तक तो बिल्कुल भी नहीं। तो स्त्री के सामने अब ये विकल्प है कि या तो सारा दोष उठाकर के पुरुष के सर रख दे कि हमारी बर्बादी के ज़िम्मेदार तुम्हीं हो। तुम्हीं ने ये सारी गन्दी प्रथाएँ बनाई, शोषक रीति-रिवाज़ बनाए, हमें वस्तु की तरह देखा, हमें पराया-धन समझा, इत्यादि-इत्यादि। तो ये करा जा सकता है और अगर स्त्री ऐसा करती है तो वो गलत भी नहीं कर रही, क्योंकि ऐसा हुआ भी है। पुरुष ने स्त्री का शोषण भी किया है, उसको चीज़ की तरह भी देखा है, दबा के भी रखा है, जितनी बातें तुमने कहीं हैं वो आज की नहीं हैं वो होती ही आई हैं। तो तुम चाहो तो शिकायत कर सकती हो, पर ये शिकायत वाली बात मुझे कभी बहुत जचती नहीं, क्योंकि शिकायत की शुरुआत में ही कमज़ोरी का भाव है।
तो दूसरी दृष्टि ये है कि तुम देखो कि ये सबकुछ जो हुआ है, उसमे स्वयं नारी का कितना योगदान है? नारी के शोषण में नारी की ही क्या भूमिका रही है? मैं चाहूँगा कि तुम ऐसे देखो- क्योंकि अगर तुम न चाहो तो कोई तुम…