ऐसे चुनोगे तुम कैरियर?

(दिवस १)

प्रश्नकर्ता: आचार्य जी, प्रणाम।

मेरा नाम निधीश है। शुरू से ही मैं निर्णय लेने में बहुत कमज़ोर रहा हूँ। मैंने इंजीनियरिंग करने का निर्णय भी दूसरों के प्रभाव में लिया था। इंजीनियरिंग ख़त्म हो चुकी है और अब मुझे आगे के करियर का चुनाव करना है। आप से सुना है कि काम वो करो जिसमें समय का पता न लगे, जो सार्थक और लायक हो। इस बार मैं चुनाव जागरुक होकर करना चाहता हूँ।

मेरे तीन विकल्प हैं: जर्मनी में एमएस, भारत से एमबीए, मेरे पिता का व्यवसाय। मैं इस बार सही चुनाव करना चाहता हूँ और आगे भी सही चुनाव करने की कला सीखना चाहता हूँ।

आचार्य प्रशांत: निधीश, अच्छा होता कि मेरे पास और ज़्यादा सूचना होती तुम्हारे अतीत के बारे में, तुम्हारे मन के फ़िलहाल के आकार के बारे में। क्या सोचते हो, क्या तुम्हारी धारणाएँ हैं, किस ओर को आकर्षित हो, ये सब मुझे अगर पता होता तो मैं और पुख्ता जवाब दे पाता। अब जितना अभी मेरे सामने आ रहा है इसके आधार पर कुछ कहता हूँ।

“जर्मनी में एमएस, भारत से एमबीए, मेरे पिता का व्यवसाय” — भाई, इन तीनों ही दिशाओं में एक ही चीज़ साझी है, पैसा। नहीं तो जर्मनी से एमएस करने में और भारत से एमबीए करने में मुझे बताओ और क्या साझा है? इन दोनों में कॉमन क्या है? एक जगह तुमको टेक्नोलॉजी पढ़ाई जा रही है, दूसरी जगह तुमको बिज़नेस मैनेजमेंट पढ़ाया जा रहा है। इन दोनों में तो कुछ भी साझा नहीं है न? तुमने ये तो कहा ही नहीं कि मेरा विकल्प है एमइस इन जर्मनी और एमटेक फ्रॉम इंडिया। तुमने अगर ये कहा होता कि तुम्हें जर्मनी से…

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org