ऐसी कामना मत करो जो कामनाकार को ही भारी पड़ जाए।

कामना तुम कर रहे हो ताकि तुमको संतुष्टि, तृप्ति, आनंद मिले।

और तुम्हारी कामना का परिणाम हुआ अगर कि तुमको दुर्गति मिल गई, तो क्या कामना करी!

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org