एलोपैथी दवाइयाँ, हिंसा और अध्यात्म

प्रश्नकर्ता: आचार्य जी, क्या चिकित्सा के क्षेत्र को अपवाद मानकर जीव-हत्या करना ठीक है? क्या मानव की जान, किसी और जीव से ऊपर है? और अगर नहीं है तो क्या स्वयं को एलोपैथिक के इलाज से दूर रखना स्वयं पर हिंसा नहीं है? कृपया स्पष्टता प्रदान करें।

आचार्य प्रशांत: टेढ़ी जिज्ञासा कर दी! कुछ ऐसी बातें बोलनी पड़ेंगी जो तर्क से आगे की हैं। श्रद्धालु होगे तो समझोगे, नहीं तो कोई बात नहीं।

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org