एक वायरस बाहर का, एक वायरस भीतर का
29 min readMay 9
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प्रश्नकर्ता: नमस्कार, आचार्य जी।
सरकार और जितने भी चिकित्सा प्रमुख हैं, जानकार हैं, उन्होंने एक बात साफ-साफ कह दी है कि इस बीमारी का निवारण बहुत साफ है — ‘सोशल डिस्टन्सिंग’। जबतक एंटीडोट नहीं आ जाता और उसको न जाने कितने साल लगेंगे, तब तक आप एक दूसरे से दूर रहें और किसी भी तरह की सांस्कृतिक गति-विधि में शामिल ना हों। बहुत सीधी सपाट बात है परंतु न जाने क्यों, लोगों की क्या माया है, कैसा उनका मन है कि इस…