एक उम्मीद अगर तुम छोड़ दो तो जीवन सरल हो जाएगा।

उम्मीद ये है तुम्हारी कि किसी तरह से तुम जैसे हो वैसे ही बने रहो और फिर भी तुम्हें उच्चतम की प्राप्ति हो जाए।

शिव तुम्हें चाहिए पर कामना छोड़े बिना।

शिव तुम्हें चाहिए पर शिव के सिंहासन पर तुमने कामना को बैठा रखा है।

ये उम्मीद छोड़ दो कि शिवत्व की प्राप्ति तुम्हें कामना से हो सकती है;

इतना करलो फिर सब अपनेआप ठीक हो जाएगा।

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org