उमरिया धोखे में बीत गयो रे
6 min readNov 2, 2020
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उमरिया धोखे में खोये दियो रे
पाँच बरस का भोला भला, बीस में जवान भयो।
तीस बरस में माया के कारण, देश-विदेश गयो।
उमर सब धोखे में….
चालीस बरस अंत अब लागै, बाढ़ै मोह गयो।
धन धाम पत्र के कारण, निस दिन सोच भयो।।
बरस पचास कमर भई टेढ़ी, सोचत खाट परया।