उपलब्धियाँ न प्राप्त कर पाने का दुःख
जिस माहौल में रहते हो, जिस संगत में रहते हो, उससे ज़रा अवकाश लिया करो, दूर हो जाया करो। दूर होने के बाद दूरी से जब देखोगे, तो बहुत कुछ तुम्हें हास्यास्पद लगेगा। और जिस चीज़ पर तुम हंस पड़े, उस चीज़ से तुम आज़ाद हो गए।
तुम ग़ुलाम ही तब तक हो जब तक चीज़ों को…