Aug 29, 2022
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उपनिषदों से ज़्यादा कटु तरीके से, कठोर तरीके से, तिक्त तरीके से हमें कोई नहीं धिक्कारता।
और उपनिषदों से ज़्यादा गरिमा हमें कोई नहीं देता। उपनिषदों से ज़्यादा कोई नहीं बताता हमें कि कितनी ऊँची महिमा है हमारी।
हम दो हैं; दोनों तरह का सम्बोधन हमारे लिए ज़रूरी है।