उदासी और दुख से मुक्ति कैसे हो?
प्रश्न: आचार्य जी प्रणाम। जीवन को देखा है, जाना है, महसूस किया है। सामान्यतया सब ठीक और संतुलित ही चलता है। कोई बेचैनी नहीं उठती, नृत्य उठता है, धन्यवाद आता है। पर कभी-कभी मृत्यु जैसी घटना घट जाती है, जैसे अपनों की अकाल मृत्यु, या दुर्घटना, या आत्महत्या इत्यादि। सब खो जाता है, कोई ज्ञान काम नहीं आता, सिर्फ़ गहन उदासी और बेचैनी बचती है। शून्य-सा रह जाता है, सब संतुलन खो जाता है। ठीक तब, जब उस संतुलन की सबसे ज़्यादा ज़रुरत होती है। जान…