उचित विचार कौन सा?

गुरु कीजै जानि के, पानी पीजै छानि |

बिना विचारे गुरु करे, परै चौरासी खानि ||

संत कबीर

वक्ता (प्रश्न पढ़ते हुए) : प्रिया पूछ रहीं हैं कि मेरे लिये तो अद्वैत आना भी मात्र एक संयोग था| अपने करे गुरु कहाँ मिलता है? संयोग से ही मिल जाये तो मिलता है| क्यों कबीर कह रहे हैं कि गुरु का चुनाव करो? क्यों कह रहे हैं कि गुरु करे ‘छानि के’? क्यों कह रहे हैं कि बिना विचारे गुरु करे तो ‘परै…

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रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

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