उचित कर्म पता कैसे हो?

मन्दिर के सामने से जब हिन्दु निकलता है, तो सामान्यतया उसके लिये क्या ठीक है? तुम जा रहे हो पैदल और सड़क किनारे मन्दिर आ गया तो तुम्हारे लिये क्या ठीक होता है? सामान्यतया कि दो क्षण रुक कर प्रणाम कर लो और उसी मन्दिर के सामने से किसी और धर्म का कोई निकल जाए तो उसके लिए ये ठीक नहीं होता।समझ में आ रही है बात? व्यक्ति को निर्णय करने की ज़रूरत ही नहीं पड़ी कि क्या ठीक है और क्या गलत।तुम्हें एक पहचान दे दी गई है कि तुम एक धर्म विशेष से हो और निर्णय हो…

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org