ईमानदारी और सफलता साथ-साथ नहीं चलते?
प्रश्नकर्ता: आचार्य जी प्रणाम, आपसे जो भी सत्संग सुना है उसमें ईमानदारी शब्द बार-बार दोहराया गया है। मेरी जिज्ञासा ये है कि जीवन में ईमानदारी और सफलता दोनों को एक साथ कैसे साझा जा सकता है?
आचार्य प्रशांत: पहले ईमानदारी से ये पता तो करो और मानो तो कि सफलता क्या है।
जब आप पूछ रहे हैं कि जीवन में कैसे ईमानदारी भी रहे और सफलता भी रहे तो निश्चित रूप से आपके सामने कुछ उदाहरण हैं जहाँ आपको लगता है कि बेईमानी भी है और सफलता भी है। निश्चित रूप से आपको लगता है कि बेईमानी और सफलता शायद ज़्यादा साथ-साथ चलते हैं तो इसलिए फिर आप मुझसे पूछ रही हैं कि, "कैसे…