इस अकेलेपन की वजह और अंजाम जानती हैं ?
बोरियत और नाउम्मीदी। यह अच्छी बात है कि अभी तक सिर्फ़ उसमें बोरियत और नाउम्मीदी पक रही है। बहुत दिनों तक नाउम्मीद नहीं रहोगे। मालूम है क्या करोगे? उस खाली समय को भरने के लिए कहीं से कचरा ले आओगे और वह कचरा ऐसा होगा जो ‘उम्मीद’ देता होगा। उम्मीद का वादा करता होगा और उस कचरे से अपने खाली समय को भर लोगे — जय राम जी की!
बहुत सारे कचरे होते हैं जो मन को और ज़िंदगी से भरने के लिए आतुर होते हैं। अगर तुमने अपनेआप को खाली छोड़ा, तो कुछ दिनों तक तो निराश रह लोगे, कुछ दिनों तक तो एक बोरियत रहेगी, जीवन से एक निराशा रहेगी, सूनापन, ख़ालीपन रहेगा — लेकिन बहुत दिनों तक तुम निराशा और ख़ालीपन बर्दाश्त करोगे ही नहीं। तो फिर तुम क्या करोगे? तुम जाकर के किसी हैंडसम कचरे को आमंत्रित कर लाओगे और वह तुम्हारी ज़िंदगी के सूनेपन को और निराशा को बिलकुल उम्मीद से भर देगा। बहुत पुरानी कहानी है, यह आज की नहीं है। यह लाखों साल पुरानी कहानी है। सबकी ज़िंदगियाँ ऐसे ही भरी जाती हैं।
कौन है जो आपका मन किसी भी ढंग के काम में नहीं लगने दे रहा? आप समझ ही नहीं रहे न? कौन है जो आपको खाली समय इतना दे रहा है? जानते हो कौन है वो? उसी का नाम ‘रानी’ है। आप अगर महिला हैं तो मैं कहूँगा उसका नाम है ‘रानी’ — सिंगल-सेल्ड (एक कोशिकीय) रानी है वो। और अगर आप पुरुष हैं तो मैं कहूँगा उसका नाम ‘बादशाह’ है — वो भी सिंगल-सेल्ड बादशाह है। वो अपने मतलब के लिए आपके पूरे मानसिक माहौल को बदले दे रहा है, मैनिपुलेट कर रहा है, और उसका इरादा बस एक है — वह जो सिंगल सेल है, वह डबल हो जाए।