इच्छा ख़त्म कैसे करें?
छोटी इच्छा कभी पूरी नहीं होगी। आपकी समस्या ये नहीं है कि आप इच्छा करते हो, आपकी समस्या ये है कि आप छोटी-छोटी इच्छाएं करते हो। इतनी बड़ी इच्छा करो कि मन के पार चली जाए, फिर सब पूरा हो जाएगा।
जो इच्छा आपके जीवन को सुव्यवस्थित चलाए, वो अव्यवस्था का कारण बनेगी। बाहर की सुव्यवस्था, अंदर की अव्यवस्था। आपको इच्छा वो चाहिए जो जीवन को अस्त-व्यस्त, अव्यवस्थित कर दे, जीवन के समस्त ढर्रों को तोड़-फोड़ कर बिखरा दे। जैसी ज़िन्दगी चल रहो हो, उसमें बिल्कुल टूट-फूट ला दे, वैसी इच्छा करो, फिर सब ठीक हो जाएगा।
इच्छा में बुराई नहीं है, तुम्हारे ढर्रों को बचाए रखने वाली इच्छा में बुराई है।
तुम्हारे मलिन जीवन की मलिनता को कायम रखती है जो इच्छा, उसमें बुराई है। और तुम इच्छाएं वैसी ही करते हो। मैं बचा रहूँ, मेरे यंत्रवत जो तरीके है वो बचे रहें, मेरे सुरक्षा चक्र बचे रहें, मेरा नन्हा सा संसार बचा रहे, यही तो इच्छाएं करते हो? और क्या इच्छा करते हो? यह इच्छा बड़ी दोषपूर्ण है, तुम बड़ी इच्छा करो।
इच्छा को मिटाने की बात मत करो, तुम्हारे लिए जो उचित है उसकी इच्छा करो।
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