आप मुक्त होते जा रहे हो, इसका एक प्रमाण यह होगा कि आपको व्यर्थ बातों का संकलन करने में रूचि नहीं बचेगी, कम होती जाएगी, कम होती जाएगी।

कोई आपको आ करके फ़िज़ूल की बातें बताना शुरू भी कर देगा तो आपको उबासी आने लगेगी।

--

--

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org