आध्यात्मिकता — व्यक्ति गौण, सत्य सर्वोपरि
5 min readMar 7
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कुल करनी के कारने, ठिग हो रहिगो राम । तब कुल का को लाज है, जब जम की धूम धाम ॥
-कबीर
वक्ता: जो एक आम साधारण गृहस्थ है, जो अपने चारों ओर हमें दिखाई देता है, उसके लिए कहा है ये दोहा कबीर ने।
“कुल की मर्यादा चलाने के लिए, अपने कथाकथित कर्त्तव्यों का पालन करने के लिए, राम से च्युत हो बैठे रहे तुम, राम से अलग हो बैठे रहे तुम। अब कहाँ है वो कुल, जब…