आत्मा का क्या रूप है?
20 min readJan 11
--
आचार्य प्रशांत: (प्रश्न पढ़ते हुए) मूलतः बात ये पूछी है कि “आत्मा को कहा तो निर्गुण जाता है, और निर्गुण का अर्थ हुआ कि कोई एट्रिब्यूट (गुण) नहीं, कोई उपमा-उपाधि नहीं। तो फिर आत्मा को निर्गुण के साथ ही निर्विकार, निर्मल, निराकार, अविनाशी, नित्य, शुद्ध, अजर-अमर इत्यादि क्यों कहा जाता है? क्योंकि ये सब तो कह कर के हम आत्मा के साथ गुण और उपाधियाँ और विशेषण जोड़ रहे हैं न?” ये शंका उठी है।