आज की संस्कृति के तीन स्तम्भ

आज की संस्कृति के तीन स्तम्भ हैं:

सुख,मज़ा: हैप्पीनेस
दुराशा,सकारात्मकता: पॉसिटिविटी
लोभ,इच्छा: मोटिवेशन

अध्यात्म समझाता है कि वो मत करो जो तुम्हें ‘प्रिय’ है,
बल्कि वो करो जिसमें ‘श्री’ यानी शुभता है।

हैप्पीनेस-पॉसिटिविटी-मोटिवेशन धर्म के नहीं,
बाज़ारवाद के काले सिद्धांत हैं।

आचार्य प्रशांत के विषय में जानने, और संस्था से लाभान्वित होने हेतु आपका स्वागत है

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org