आचार्य प्रशांत
Apr 20, 2022
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अध्यात्म पूरा यही है –
जानना कि कल नहीं रहोगे।
क्या करना है इस एक पल का?
इस ज़रा से समय का,
जो उपलब्ध है जीने के लिए!
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अध्यात्म पूरा यही है –
जानना कि कल नहीं रहोगे।
क्या करना है इस एक पल का?
इस ज़रा से समय का,
जो उपलब्ध है जीने के लिए!
रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org