आइन रैंड की द फाउन्टेनहेड पर
प्रश्न: बहुत से लोग हैं जो फाउंटेनहेड पढ़कर जीवन में कोई बदलाव नहीं ला पाते हैं। और दूसरी तरफ़ बहुत ऐसे भी लोग हैं जो इस पुस्तक को पढ़ने के बाद विद्युतीकृत हो जाते हैं। आचार्य जी मैं दूसरे लोगों की श्रेणी में आने के लिए क्या कर सकता हूँ?
आचार्य प्रशांत जी: ढंग से पढ़ो।
जो क़िताब तुम पढ़ रहे हो, उसके पात्र कुछ ऐसे हैं कि अगर उनके साथ वाक़ई रिश्ता बना सको, उनसे रिश्ता बना सको, तो ज़िन्दगी में…