अमीर कौन, ग़रीब कौन
प्रश्न: सर, पैसा कितना ज़रूरी है? ग़रीबी क्या है?
आचार्य प्रशांत: जिसको और चाहिए — वो गरीब है। जिसे और नहीं चाहिए- वो अमीर है। जिसे ही और चाहिए, बात सीधी है, जो भी कह रहा है कि और मिल जाए, इसका मतलब है कि वो गरीबी अनुभव कर रहा है। तभी तो वो कह रहा है कि और चाहिए। तो गरीब वो नहीं जिसके पास कम है, गरीब वो जिसे अभी और चाहिए।
जो मांगे ही जा रहा है, मांगे ही जा रहा है, वो महागरीब है , उस पर दया करो, तरस खाओ।
एक फ़कीर हुआ, बड़ा नामी, ज़िन्ददगी भर लोग आते थे, उसको कुछ-न-कुछ देकर चले जाते थे, तो उसके पास बहुत इकट्ठा हो गया। मरने का समय आया तो उसने कहा कि जो मुझे सबसे बड़ा गरीब मिलेगा उसी को दे दूंगा ये सब कुछ।
लोगों को पता चली ये बात। लोग इसके सामने ये सिद्ध करने की कोशिश करें कि हमसे बड़ा गरीब कोई दूसरा नहीं। पर वो कहता कि तुम नहीं, तुम नहीं। एक दिन उसके सामने से राजा की सवारी जा रही थी तो उसने राजा से कहा कि रुक। राजा रूक गया। फ़कीर ने उस राजा से कहा कि यहाँ जितना पड़ा है सब ले जा। ये सब तेरे लिए है। राजा कहता है कि ले तो जाऊँगा लेकिन आप क्यों बोल रहे हैं मुझे इसे ले जाने के लिए। फ़कीर कहते हैं कि जो सबसे बड़ा गरीब है इस राज्य में उसके लिए छोड़ा था, तू ही है वो, ले जा। तेरे जितनी भूख किसी और की नहीं। लगातार तू लगा हुआ है और और और और इकट्ठा करने में तो तुझसे ज़्यादा भूख किसी और की नहीं। और जिसकी भूख सबसे ज्यादा, वो ग़रीब।
जिसकी भूख सबसे ज़्यादा, उससे गरीब और कोई नहीं।