अभिभावकों से मिली गलत सीख
प्रश्नकर्ता: बचपन में मुझे मम्मी-पापा और स्कूल ने सिखाया कि कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता और साथ ही मुझपर दबाव बनाया कुछ गिने-चुने काम ही करना। मैंने कहा — मुझे गायक बनना है। वो बोले — नहीं, तुम्हें एम.बी.ए करना है। आज मैं एम.बी.ए हूँ और बहुत दुःख में हूँ। आज मुझे पता चल रहा है कि वास्तव में कुछ काम छोटे और कुछ काम बड़े होते हैं। मेरे माँ-बाप मुझे गलत बात क्यों सिखाते रहे? मुझे गलत काम की ओर क्यों ढकेलते रहे?
आचार्य प्रशांत: देखो भाई! एम.बी.ए भी करने गए, भले ही उससे तुम्हें दुःख और निराशा मिला हो, तो किसी एम.बी.ए कॉलेज मे न? कोई प्रबंधन संस्थान रहा होगा, इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट*। वहाँ…