अब तो सुधर जाओ, कल मौका मिले न मिले

गलत जीवन दर्शन का नतीजा है कोरोना महामारी।

ये आपदा हमारी भोगवादिता का नतीजा है।
ये आपदा नतीजा है,
एक बिल्कुल ही गलत जीवन दर्शन का,
जो हमसे कहता है कि हम शरीर मात्र हैं और
जीवन का उद्देश्य है खाना-पीना, मौज बनाना,
सुख करना, भोग करना।
यही इस समय विश्व पर छाया हुआ सिद्धांत है।

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org