अपने विचारों को आज़ादी दो
हम सब ये मानना शुरू कर देते हैं कि विचार जैसे कोई बड़ा दुर्गुण है। विचार अपराध वगैरह नहीं है। विचार आपके लिए आवश्यक है। ज़्यादातर लोगों की समस्या ये नहीं है कि उनको निर्विचार उपलब्ध नहीं हो रहा, ज़्यादातर लोगों की समस्या ये है कि उनको विचार ही नहीं उपलब्ध हो रहा। सोच से मुक्ति बहुत दूर की कौड़ी है। अधिकांश लोग ठीक से सोच ही नहीं पाते। इसीलिए विचारक का दर्ज़ा आम आदमी से ऊपर का होता है।