अपने दुश्मन आप

बोध, ध्यान के माहौल में ही प्रतिफलित होता है। ध्यान के कुछ दुश्मन होते हैं, उन दुश्मनों से बचना है।

1. विक्षेप
2. भय
3. लोभ

इन तीनों से बच लो, होश कायम रहेगा। इन तीन से बच लो, होश पूरी तरह कायम रहेगा।

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org