अपने जीवन में श्रीकृष्ण के दर्शन कैसे हों?
जो सत्य की खिलाफत कर लेता हो उसमें बड़ा आत्मविश्वास होगा। ये विनम्रता झूठी है, तुम यूँ ही झूठ-मूठ अभी मुझे कह रहे हो कि ये आँखे झूठी हैं और साहस कम है और डर लगता है और आदतों का गुलाम हूँ। ऐसा कुछ भी नहीं है।
बहुत बड़ी तोप है सत्य, उसका तुम मुकाबला कर रहे हो लगातार, वो भी सफलतापूर्वक, तो सोचो तुम कितनी बड़ी तोप हो। जो सत्य के खिलाफ खड़ा हो सोचो वो अपने आपको क्या समझता होगा? वो तो सूरमाओं का…