अपनी रुचियों को गंभीरता से मत ले लेना
आचार्य प्रशांत: आपकी जो रुचियाँ हैं, वो आपके संस्कार से ही तो आती हैं ना? आपकी रुचियाँ कहाँ से आते हैं? रुचियों का स्रोत क्या है? भारत में गोरी चमड़ी पर बड़ा ज़ोर है।
भारत में गोरी चमड़ी पर बड़ा ज़ोर है।
ग़ुलामी बिलकुल छायी हुई है सर पर।
अभी यहाँ पर यूरोपियन लड़कियाँ चार-पाँच ले आयी जाएँ, बिलकुल गोरी चिट्टी और तुमसे कहा जाए के ज़रा इनको सुंदरता पर, १० में से अंक देना, और उस अंक का औसत ले लिया जाए। उसके बाद, अफ्रीकन लड़कियाँ बुलाई जाएँ। और अपने देश में, अपनी जगह पर, उनको भी बड़ा सुन्दर माना जाता हो! पर उनका रंग बिलकुल गाढ़ा काला। और अब तुमसे कहा जाए, ज़रा इनको बताना, ये कितनी सुन्दर हैं! तो अंक कहाँ ज़्यादा आएगा?
प्रश्नकर्ता: यूरोपियन लड़कियों पर।
आचार्य: यूरोपियन लड़कियों पर। तुम कहोगे, हमारी दिलचस्पी यूरोपियन लकड़ियों में है।
अब मैं यहाँ पर अफ्रीकन लड़के बुला लूँ, तुम्हारी उम्र के। अब उनके सामने वो यूरोपियन लड़कियाँ आएं और नाइजीरियन लड़कियाँ आएं। अब अंक कहाँ ज़्यादा आएगा?
तुम जिसको बोलते हो के ये मेरी रूचि है, वो रूचि तुम्हारे अतीत से ही तो आ रही है!
तुम्हें अतीत में बता दिया गया है, कि ऐसी-ऐसी चीज़ दिलचस्प है।
तुम भारत में पैदा हुए, तो तुमको गोरापन दिलचस्प लगता है। तुम कहीं और पैदा हुए होते तो तुमको कुछ और दिलचस्प लग रहा होता। भाई! भारतीय मूल के ही लोग हैं, क्रिकेट में नाम सुना होगा, सुनील नारायण…