अपनी कमज़ोरी का स्वीकार, अध्यात्म की शुरुआत
हम ऐसे ही तो होते हैं!
हम कहाँ मानते हैं कि हालत खराब है हमारी?
अध्यात्म की तो शुरुआत ही
उस दिन से होती है,
जिस दिन तुम चैतन्य रूप से
ये स्वीकार कर लो कि तुम्हारी हालत खस्ता है।
पर अगर मान लिया कि हालत खस्ता है हमारी,
तो यह भी मानना पड़ेगा कि जीवन भर जो श्रम का…