अपनी आध्यात्मिक उन्नति को कैसे नापें?
जो साधारण ताप, विकार बताएँ गए हैं, उनसे शुरुआत करनी चाहिए। आध्यात्मिक उन्नति का मतलब होता है कि आप झूठ को छोड़ करके सच की ओर बढ़ रहे हैं, इसी को कहते हैं आध्यात्मिक उन्नति।
ये छह मापदंड अपने सामने रख लीजिए, अपने आप से पूछ लिया करिए काम बढ़ा है या घटा है, क्रोध बढ़ा है या घटा है, मद्द बढ़ा या घटा है, मात्सर्य बढ़ा या घटा, लोभ, भय ये सब बढ़े या घटे। इन छह पैमानों पर अपने आपको नाप लिया कीजिए, इन पर आप तरक्की होती पाएं तो वोई आध्यात्मिक उन्नति है।
आध्यात्मिक उन्नति का कोई संबंध किन्हीं खास अनुभवों से नहीं है। मन ही रोगी है और मन को ही स्वास्थ्य की तरफ ले जाना आध्यात्मिक प्रगति का लक्ष्ण है और मन के रोग यही सब हैं — मद्द, मोह, काम, क्रोध, भय, लोभ। सिर्फ़ इन्हीं से तुम अपनी आध्यात्मिक तरक्की नाप सकते हो, इनके अलावा तुम किसी चीज़ से नहीं नाप सकते अपनी आध्यात्मिक तरक्की।
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