अध्यात्म है शरीर से स्वस्थ सम्बन्ध, और स्वस्थ दूरी
अध्यात्म है मानव का अपनी उच्चतम संभावना को और पूर्ण अभिव्यक्ति को प्राप्त होना। जाहिर सी बात है कि अध्यात्म शरीर को सुखाने की, निष्प्राण करने की या निर्बल करने की कला नहीं है।
हाँ, यह ज़रूर हो सकता है कि आध्यात्मिक आदमी किसी ऐसे महत और दुष्कर उपक्रम में लग जाए जिसमें उसके शरीर पर चोट ही चोट पहुँचे और इस कारण से वह क्षीणकाय नज़र आए। वो बात दूसरी है।
अध्यात्म का तो अर्थ ही है कि जैसा तुम स्वयं को देखते हो वैसा दूसरों को देखो और जैसा तुम दूसरों को देखते हो वैसा स्वयं को देखो।
जब आध्यात्मिक आदमी एक पेड़ को कष्ट नहीं दे सकता, जब एक मूक पशु को नहीं सता सकता तो अपने शरीर को सताएगा क्या?
अध्यात्म स्वास्थ्य का एक परम विज्ञान है।
अध्यात्म का मतलब होता है शरीर से एक स्वस्थ सम्बन्ध और स्वस्थ दूरी। शरीर प्रकृतिस्थ है और तुम समाधिस्थ हो, यह अध्यात्म है।
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