अध्यात्म के अभाव से होते अपराध

प्रश्नकर्ता: आचार्य जी प्रणाम स्वीकार करें। हाल ही में कश्मीर में एक छोटी बच्ची को बड़ी बर्बरता से मार दिया गया। मैं जब भी इस तरह की किसी घटना के बारे में सुनती हूँ तो बुरी तरह से बेचैन हो जाती हूँ और अपने-आप को असहाय, बेबस पाती हूँ, अवसाद में चली जाती हूँ। क्या करूँ?

आचार्य प्रशांत: तीन-चार कोटियों के लोग होते हैं, इनको सबको समझना।

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org