अतीत के बोझ का क्या करूँ?

आचार्य प्रशांत: सवाल अच्छा है। ईमानदार सवाल है, ध्यान से देखेंगे इसे। सतीश कह रहे हैं कि ये सब बातें ठीक हैं पर जीवन का एक सत्य ये है कि हम सब अपनी परिस्तिथियों की पैदाइश हैं। बच्चा छोटा होता है, उसे वो ग्रहण करना ही होता है जो उसके आसपास का वातावरण उसे देता है। वो करेगा क्या। बात बिल्कुल ठीक है।

एक उम्र तक तुम कुछ नहीं कर सकते। तुम पूरे तरीके से असुरक्षित होते हो। बच्चा छोटा है, न उसका शरीर विकसित हुआ है और न ही उसका…

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org