अतीत के दुष्कर्म के मानसिक घाव

अतीत के दुष्कर्म के मानसिक घाव

प्रश्नकर्ता: मेरे अतीत में मुझ पर हुए दुष्कर्म, मुझे चैन से जीने नहीं दे रहे हैं। मानो मैं अपने बचपन में ही जिए जा रही हूँ। वही ख्याल, वही सपने। मुझे उस भयानक अतीत से पूरी तरह बाहर आना है। कैसे होगा?

आचार्य प्रशांत: सबसे पहले तो समझना होगा कि वह जो घटना है दुष्कर्म की जो शायद दस-पंद्रह, बीस साल, पच्चीस साल पहले घटी होगी, आज भी मन पर इतनी छाई हुई क्यों है? मन किसी भी विषय को, स्मृति को, घटना को, क्यों पकड़ता…

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org