अतीत कड़वा है, तो वर्तमान मीठा कैसे हो?

प्रश्नकर्ता: सर जी, कृपया बताएँ कि अतीत के कड़वे अनुभवों के साथ वर्तमान को मिठास से कैसे जिया जाए?

आचार्य प्रशांत: बाबा, अतीत के कड़वे अनुभव होते ही इसीलिए हैं ताकि तुम वर्तमान को मिठास से जी सको। देखो तुम्हारे प्रश्न में एक मान्यता, एक अज़म्पशन है। वो अज़म्पशन ये है कि अतीत के कड़वे अनुभव नहीं होते, तो वर्तमान बड़ा मीठा होता। तो इसलिए इस मान्यता पर चलकर तुम कह रहे हो, “मुझे तो अतीत में कड़वे अनुभव हो…

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org