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अगर लोगों से घुलमिल न पाएँ तो
अपना भी एकांत रखो, और दूसरे को भी उसके एकांत में रहने दो।
सम्बन्ध रखो तो इसीलिए रखो कि वो तुम्हारी मदद करे, तुम उसकी मदद कर पाओ।
तुम उसे शांति दे पाओ, तुम वो तुम्हें शांति दे पाए।
इससे ज़्यादा किसी की ज़िंदगी में हस्तक्षेप, इससे ज़्यादा किसी के आंतरिक दायरे में प्रवेश, अतिक्रमण है।
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